WTC Final में Australia के हाथों Team India की 209 रनों से शर्मनाक हार के बाद टीम के शानदार स्पिनर Ravichandran Ashwin ने उनके टीम से बाहर बिठाए जाने पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। दरअसल, WTC Final में ICC Test Ranking में नंबर 1 इस गेंदबाज को टीम से बाहर बिठाया गया था जिसे लेकर सोशल मीडिया पर समर्थकों के बीच जमकर चर्चा हुई थी। वे टीम के इस फैसले से बेहद नाखुश थे।
टीम ने अश्विन को बाहर बैठाकर 4 तेज गेंदबाजों और रवीन्द्र सिंह जडेजा के रूप में 1 स्पिनर को खिलाया था। अश्विन को बाहर बिठाए जाने पर केवल समर्थक ही नहीं, सचिन तेंदुलकर और रिक्की पोंटिंग समेत कुछ पूर्व खिलाड़ी भी हैरान थे। कुछ लोग ऑस्ट्रेलिया से इस हार का कारण अश्विन को टीम में न लेने को बता रहे हैं।
अश्विन ने एक हिन्दी न्यूज चैनल से बात करते हुए आखिरकार इस विषय पर चुप्पी तोड़ी और कहा कि अगर वे फाइनल में खेल पाते तो अच्छा होता। उन्होंने यह भी कहा कि टीम इंडिया को फाइनल तक पहुंचाने में उन्होंने एक अहम भूमिका निभाई है।
'इंडियन एक्सप्रेस' पर एक इंटरव्यू के दौरान इस विषय पर प्रश्न पूछे जाने पर अश्विन ने कहा कि इसका उत्तर देना कठिन प्रश्न है। मुझे खेलना अच्छा लगता, क्योंकि मैंने वहां तक पहुंचाने में एक अहम भूमिका निभाई है। यहां तक कि आखिरी फाइनल में मैंने 4 विकेट लिए और अच्छी गेंदबाजी भी की।
उन्होंने इस निर्णय के पीछे कोच और टीम की मानसिकता के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि 2018-19 के बाद से विदेशों में मेरी गेंदबाजी शानदार रही है और मैं टीम के लिए मैच जीतने में कामयाब रहा हूं। मैं इसे एक कप्तान या कोच के रूप में देख रहा हूं और मैं सिर्फ उनके बचाव में बात कर रहा हूं। इसलिए पिछली बार जब हम इंग्लैंड में थे तो टेस्ट ड्रॉ होने के साथ 2-2 था और उन्हें लगा होगा कि इंग्लैंड में 4 पेसर और 1 स्पिनर का संयोजन है। फाइनल में जाने के बारे में उन्होंने यही सोचा होगा।
उन्होंने अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि समस्या एक स्पिनर के खेलने में आने की है, यह चौथी पारी होनी चाहिए। चौथी पारी एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू है और हमारे लिए इतना रन बनाने में सक्षम होना ताकि स्पिनर खेल में आ सके, यह पूरी तरह से मानसिकता की बात है।