यश धुल ने रणजी ट्रॉफी के डेब्यू पर ही जड़ा शतक, की सचिन और रोहित की बराबरी (वीडियो)

Webdunia
गुरुवार, 17 फ़रवरी 2022 (14:32 IST)
अंडर 19 विश्व कप जीतने के बाद शोहरत , दौलत, तवज्जो मिलने से कोई भी युवा चकाचौंध में खो सकता है लेकिन यश धुल को बखूबी पता है कि एलीट क्रिकेट खेलने के लिये कड़ी मेहनत करनी होगी और खेल पर से उसका ध्यान नहीं हटा है।

गुवाहाटी के बारसापारा स्टेडियम पर प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण करते हुए धुल ने तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच के पहले दिन दिल्ली के लिये शतक जड़ा।

उन्होंने जोंटी सिद्धू के साथ चौथे विकेट के लिए 119 रन की महत्वपूर्ण साझेदारी की। सिद्धू ने 179 गेंदों पर 71 रन की पारी में आठ चौके और दो छक्के लगाए।

दिल्ली का सातवां विकेट 253 के स्कोर पर गिर गया था लेकिन ललित यादव ने सिमरजीत सिंह के साथ आठवें विकेट के लिए 38 रन की अविजित साझेदारी कर टीम को कोई और नुकसान नहीं होने दिया। स्टंप्स के समय ललित 45 और सिमरजीत 16 रन बनाकर क्रीज पर थे।

दिल्ली ने तमिलनाडु के खिलाफ रणजी ट्रॉफी एलीट ग्रुप एच मैच में गुरूवार को पहले दिन सात विकेट पर 291 रन का सम्मानजनक स्कोर बना लिया।

दिल्ली कैपिटल्स से मिले 50 लाख

उल्लेखनीय है कि दिल्ली कैपिटल्स ने यहां बेंगलुरु में 2022 की आईपीएल मेगा नीलामी के दूसरे दिन रविवार को धुल को 50 लाख रुपए में खरीदा था।

दिल्ली कैपिटल्स अकादमी के प्रशिक्षु धुल कैरिबियन में सुर्खियों में आए थे, जहां उन्होंने भारत के रिकॉर्ड पांचवें अंडर-19 विश्व कप खिताब के लिए टीम का नेतृत्व किया था।

अंडर 19 विश्वकप में बनाए थे 229 रन

टूर्नामेंट में एक शतक की मदद से 229 रन बनाने वाले यश धुल आईसीसी अंडर 19 के मोस्ट वैल्यूबल टीम के कप्तान भी बने थे।

सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यश धुल ने शतक जड़कर खासे रिकॉर्ड बनाए। अंडर 19 वनडे विश्वकप में शतक बनाने वाले वह भारत की ओर से 13वें बल्लेबाज बने। इसके अलावा बतौर कप्तान वनडे विश्वकप में शतक बनाने वाले वह तीसरे बल्लेबाज बने।

इससे पहले विराट कोहली और उन्मुक्त चंद बतौर कप्तान अंडर 19 वनडे विश्वकप में शतक जड़ चुके हैं। सर्वश्रेष्ठ स्कोर की बात की जाए तो सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धुल का शतक किसी भी भारतीय का अंडर 19 वनडे विश्वकप में तीसरा सर्वाधिक स्कोर है।

धुल में वह तेवर नहीं है जो कभी पश्चिम दिल्ली के रहने वाले 18 वर्ष के विराट कोहली में हुआ करता था और ना ही सेंट स्टीफेंस और मॉडर्न स्कूल (बाराखम्बा) से पढे उन्मुक्त चंद की तरह वह आक्रामक हैं।मनजोत कालरा की तरह कान में सोने के बूंदे पहने रॉकस्टार वाली झलक भी उनमें देखने को नहीं मिलती।

बेहद आम से दिखने वाले धुल मानों अचानक भीड़ में से निकले और अपनी प्रतिभा के दम पर छा गए। अंडर 19 क्रिकेट विश्व कप विजेता कप्तान पृथ्वी साव की तरह ही उन्होंने रणजी ट्रॉफी में पदार्पण पर समान प्रतिद्वंद्वी तमिलनाडु के खिलाफ शतक जमाया।

अभी यह कहना जल्दबाजी होगा कि क्या वह भारतीय क्रिकेट के अगले सुपरस्टार होंगे। लेकिन अंडर 19 विश्व कप जीतने के बाद से उन्हें खुद यह समझने का समय नहीं मिला होगा कि जीवन में क्या बदलाव आया है। वेस्टइंडीज से बीसीसीआई के सम्मान समारोह के लिये अहमदाबाद की यात्रा , उसके बाद दिल्ली में अपने स्कूल बाल भवन का दौरा और फिर अगले दिन रणजी खेलने गुवाहाटी पहुंचना।

दिल्ली के चयनकर्ता चैतन्य नंदा ने धुल के प्रदर्शन के बारे में कहा ,‘‘ हमारे पास दो विकल्प थे। या तो उसे बाहर रखते या जो भी स्लॉट उपलब्ध है, उस पर उतारते। वह पारी की शुरूआत नहीं करता लेकिन तुरंत तैयार हो गया। आप किसी क्रिकेटर में यही गुण खोजते हैं।’’

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