HMPV को लेकर मध्यप्रदेश सरकार अलर्ट, नई रिसर्च में दावा, बच्चों को अधिक खतरा

विकास सिंह

शुक्रवार, 10 जनवरी 2025 (18:59 IST)
देश में लगातार बढ़ते HMPV के एक्टिव केस के बाद अब मध्यप्रदेश सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है। सूबे के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल ने स्वास्थ्य विभाग को स्थिति पर नजर ऱखने और केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप सतत निगरानी करने और आवश्यक स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की तैयारी रखने के निर्देश दिए है। स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुरुप सभी आवश्यक कार्यवाही को पूरा करने के निर्देश दिए है।

वहीं भोपाल एम्स में HMPV को देखते हुए 20 बेडों का आइसोलेशन वार्ड तैयार करने के साथ वेंटिलेटरयुक्त बेड की अलग से व्यवस्था की है। इसके साथ स्वास्थ्य विभाग ने HMPV की सतत निगरानी के लिए RT-PCR से टेस्टिंग के लिए भी तैयारी कर ली है।
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HMPV वायरस पर नई रिसर्च-HMPV वायरस को लेकर एक नई रिसर्च में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) को एक सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA वायरस बताया गया है जो न्यूमोविरिडे वायरस फ़ैमिली से संबंधित है और एवियन मेटान्यूमोवायरस का पड़ोसी है। इसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड में आइसोलेट किया गया था। वर्तमान में, HMPV को संयुक्त राज्य अमेरिका में पाँच वर्ष से कम आयु के स्वस्थ बच्चों में तीव्र श्वसन की बीमारी का तीसरा सबसे आम कारण माना जाता है।

शोध से पता चलता है कि दुनिया भर में पाँच वर्ष से अधिक आयु के लगभग हर व्यक्ति को कम से कम एक बार इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना है। श्वसन संक्रमण दुनिया भर में बच्चों में बीमारी और मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण है, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में जहाँ पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चे सबसे अधिक असुरक्षित हैं। HMPV वायरस श्वसन संबंधी बीमारियों का कारण है, जो अपर और लोअर रेस्पिरेटरी ट्रैक्ट को प्रभावित करता है।
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आनुवंशिक विविधता के आधार पर, HMPV को दो प्राथमिक समूहों, A और B में वर्गीकृत किया गया है, जिसमें आगे A2.2.1 और A2.2.2 जैसे वंशों में उपविभाजन हैं। वैश्विक अध्ययनों ने इन वंशों की विकासशील प्रकृति पर प्रकाश डाला है, हालांकि उनके प्रचलन और आनुवंशिक परिवर्तनशीलता के बारे में जानकारी, विशेष रूप से भारत के विशिष्ट क्षेत्रों में, सीमित है। चीन में हाल ही में हुए आउटब्रेक को इस वायरस के नए वेरिएंट A2.2.1 और A2.2.2 से जोड़ा गया है, जिसमें 92% सैंपल मामले इस श्रेणी के हैं, जबकि शेष 8% वंश B के अंतर्गत आते हैं। उल्लेखनीय रूप से, इस हालिया प्रकोप में म्युटेशन G42V, E96K और M250R को पहचाना गया है।

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