इंदौर। गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च द्वारा गुरुवार को 'साइबर क्राइम : नए खतरे और उपाय' विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्तर साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ प्रो. गौरव रावल द्वारा एक विशेष सत्र लिया गया। उन्होंने उन मुद्दों पर प्रकाश डालने का प्रयास किया जिनका सामना वर्तमान समय में लोग ऑनलाइन दुनिया में कर रहा है।
उन्होंने अपना सत्र साइबर अपराध और इसके प्रकारों की शुरुआत के साथ शुरू किया। उन्होंने छात्रों को विभिन्न कारणों के बारे में बताया और सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर छात्रों को साइबर सुरक्षा और गोपनीयता पहलुओं की रोकथाम के बारे में बताया गया। सोशल मीडिया के खतरों और भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2008 पर चर्चा की।
प्रो. रावल ने साइबर अपराध से प्रभावी ढंग से जूझने में भारतीय कानून और सुरक्षा एजेंसियों के सामने आने वाली चुनौतियों के बारे में भी बताया। उन्होंने साइबर क्राइम में नवीनतम रुझानों पर ध्यान केंद्रित किया, जैसे कि साइबर स्टॉकिंग, साइबर बुलिंग साथ ही ऑनलाइन वित्तीय धोखाधड़ी पर भी चर्चा की। छात्रों ने आईटी अधिनियम 2008 की धारा 66ई और आईपीसी के तहत 354 डी और 509 जैसे विभिन्न धारा के बारे में जाना और सीखा कि साइबर चोरों से लोग खुद को कैसे सुरक्षित कर सकते हैं।
प्रो. रावल ने समझाया कि किसी भी व्यक्ति के साथ कंप्यूटर अपराध होता है तो तुरंत स्थानीय पुलिस, क्राइम ब्रांच या साइबर पुलिस को इसकी सूचना दें। या ww.cybercrime.gov.in के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्ट करें। प्रो. रावल ने छात्रों के प्रश्नों के भी जवाब दिए। सेमिनार की अध्यक्षता निदेशक डॉ. संगीता जैन ने की।
सत्र की शुरुआत छात्रा कुमारी अनुपमा द्वारा स्वागत भाषण से हुई। निदेशक डॉ. संगीता जैन ने मुख्य वक्ता प्रो. गौरव रावल को पौधा देकर स्वागत किया तथा छात्र आरोह ने उनका परिचय दिया। संयोजन प्रो. डॉ. धीरज तिवारी और प्रो. अमिता अग्रवाल ने किया और आभार अक्षत ने माना।