अमेरिकी विमान से स्वदेश लौटे 104 भारतीय, लाखों रुपए खर्च कर डंकी रूट से पहुंचे थे अमेरिका

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 5 फ़रवरी 2025 (15:30 IST)
illegal indian immigrants : अमेरिका से निर्वासित किए गए करीब 104 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान के बुधवार को श्री गुरु रामदास जी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरा। विमान में 6 राज्यों के लोग सवार थे। निर्वासित लोगों में से 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से तथा दो चंडीगढ़ से हैं। ALSO READ: 205 भारतीयों के साथ बर्बर व्यवहार, ट्रंप की कठोर नीतियों के शिकार भारतीयों का अपमानजनक निर्वासन
 
पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ के लोगों को सड़क मार्ग से घर पहुंचाया जा रहा है जबकि उत्तरप्रदेश, गुजरात और महाराष्‍ट्र के लोगों को हवाई मार्ग से घर भेजा जाएगा। इससे पहले की खबरों में दावा किया गया था कि 205 अवैध प्रवासियों को लेकर अमेरिका का सैन्य विमान सी-17 रवाना हुआ है।

पिछले माह डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में पदभार संभालने के बाद देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। पंजाब के कई लोग जो लाखों रुपये खर्च करके डंकी रूट या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं अब वे निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
 
क्या कहा कांग्रेस ने : कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में कहा कि कांग्रेस ने अमेरिका से 205 अवैध प्रवासियों वापस भेजे जाने की खबरों को लेकर बुधवार को कहा कि भारतीय नागरिकों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें दुखद हैं। खेड़ा ने कहा कि अमेरिका से भारतीयों को हथकड़ी लगाकर और अपमानित करके निर्वासित किए जाने की तस्वीरें देखकर, एक भारतीय होने के नाते मुझे दुख होता है। मुझे दिसंबर 2013 की वह घटना याद है जब भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े को अमेरिका में हथकड़ी लगाई गई थी और ‘स्ट्रिप सर्च’ किया गया था।
 
उनके मुताबिक, उस समय तत्कालीन विदेश सचिव सुजाता सिंह ने अमेरिका की राजदूत नैन्सी पॉवेल के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे और राहुल गांधी जैसे नेताओं ने भारत दौरे पर आए अमेरिकी कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल (जॉर्ज होल्डिंग, पीट ओल्सन, डेविड श्वाइकर्ट, रॉब वुडऑल और मैडेलिन बोर्डालो) से मिलने से इनकार कर दिया था।
 
खेड़ा ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने अमेरिका की इस कार्रवाई को ‘निंदनीय’ बताया था। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने अमेरिकी दूतावास को दी जाने वाली कई सुविधाएं वापस ले लीं थी, जिनमें दूतावास कर्मियों के लिए खाद्य पदार्थों और शराब के रियायती आयात की अनुमति भी शामिल थी और आयकर विभाग ने अमेरिकन दूतावास के स्कूल की जांच शुरू कर दी थी। उन्होंने कहा कि तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने देवयानी खोबरागड़े के साथ किए गए व्यवहार पर खेद व्यक्त किया था। अमेरिकी प्रशासन ने विदेश सचिव सुजाता सिंह को कॉल कर अमेरिका की ओर से खेद प्रकट किया था।
 
क्या बोले पंजाब के मंत्री धालीवाल : पंजाब के अनिवासी भारतीय (NRI) मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल ने अमेरिकी सरकार के फैसले पर निराशा व्यक्त की और कहा कि इन लोगों को निर्वासित करने के बजाय स्थायी निवास प्रदान किया जाना चाहिए था जिन्होंने उस देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि कई भारतीय वर्क परमिट पर अमेरिका में प्रवेश करते हैं और वह बाद जब इसकी अवधि समाप्त हो जाती है तो वे अवैध प्रवासी बन जाते हैं।
 
धालीवाल ने पंजाबियों से अवैध तरीकों से विदेश यात्रा न करने की भी अपील की थी और दुनिया भर में अवसरों का लाभ उठाने के लिए कौशल और शिक्षा प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को विदेश यात्रा करने से पहले कानूनी तरीकों की जानकारी प्राप्त करने, शिक्षा और भाषा कौशल हासिल करने के लिए प्रोत्साहित किया।
edited by : Nrapendra Gupta 

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