नाराज अखिलेश की कांग्रेस को धमकी, यूपी में कांग्रेस का क्या होगा...
बुधवार, 5 दिसंबर 2018 (20:36 IST)
लखनऊ। राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा ठुकराए जाने से आहत सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में अगर उनकी पार्टी कांग्रेस का साथ छोड़ दे तो उसकी हालत का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
राजस्थान के अलवर जिले में एक चुनावी जनसभा को सम्बोधित करते हुए यादव ने कहा कि राजस्थान में समाजवादियों को कांग्रेस ने साथ नहीं लिया। सोचों अगर हमने उत्तर प्रदेश में उन्हें छोड़ दिया तो क्या होगा।
उन्होंने कहा कि 2014 के लोकसभा चुनाव और पिछले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादियों ने रसातल पर जा रही कांग्रेस को सहारा दिया हालांकि इसके बावजूद कांग्रेस का प्रदर्शन लगभग फीका ही रहा। अगर आगामी चुनावों में उनकी पार्टी जनसंख्या घनत्व के मामले में अव्वल राज्य में कांग्रेस का साथ छोड़ दे तो उसकी हालत क्या होगी, इसका सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है।
कांग्रेस और भाजपा की नीतियों को समान बताते हुए सपा अध्यक्ष ने कहा कि दोनों दलों की नीतियों में कोई अंतर नहीं है। देश में खुशहाली का रास्ता समाजवादी रास्ता ही है। भाजपा को जनता ने वोट दिया था कि मंहगाई कम करेंगे। भाजपा ने कांग्रेस से भी ज्यादा दुगनी तिगुनी मंहगाई बढ़ाई। भाजपा किसानों की आय दुगनी करने की बात करती है पर कैसे बढ़ाएगी इसका अता-पता नहीं है। राजस्थान में रोजगार नहीं हैं। गरीब जनता और नौजवानों को धोखा मिल रहा है।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री शौचालय की बड़ी बातें करते हैं पर जो शौचालय बने उनमें पानी नहीं है। कांग्रेस ने एक गड्ढे का तो भाजपा ने दो गड्ढ़े वाला शौचालय बनाया हैं। यानी कांग्रेस ने जहां छोड़ा भाजपा ने उसे ही आगे बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि देश को सबसे अधिक प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश ने दिए हैं। दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर जाता है। प्रधानमंत्री बनने के लिए यहां आना होता है। राजस्थान से समाजवादियों का पुराना रिश्ता है। राजस्थान के धौलपुर में पढ़ाई के दौरान जो शिक्षा मिली वह आज भी राजनीति में काम आ रही है।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में समाजवादियों की जीत का संदेश पूरे देश में जाएगा। राजस्थान में भी साइकिल चल पड़ी है। अब यह तेजी पकड़ेगी। यह थमने वाली नहीं है। जब तक राजनीतिक सम्मान नहीं होगा, आर्थिक सम्मान नहीं होगा तब तक सामाजिक सम्मान भी नहीं होगा। जनता को यह बात समझनी चाहिए। (भाषा)