नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने मंगलवार को कहा कि सैन्यकर्मियों को स्मार्टफोन के इस्तेमाल से रोका नहीं जा सकता। उन्होंने मनोवैज्ञानिक युद्ध के लिए तथा छद्म युद्ध, उग्रवाद तथा आतंकवाद को रोकने के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को रेखांकित किया।
जनरल रावत ने कहा कि सेना मुख्यालय के नवीनीकरण के लिए अध्ययन किया जा रहा है क्योंकि सोशल मीडिया का लाभ उठाने के लिए सभी स्तरों पर एक संस्थान की जरूरत है।
सैनिकों और अधिकारियों के कल्याण के लिए तैयार किए गए एक मोबाइल एप का जिक्र करते हुए सेना प्रमुख ने कहा कि अगर उनके लिए एप तैयार किए जा रहे हैं तो उन्हें स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से कैसे रोका जा सकता है।
सेना प्रमुख ने कहा कि अगर सशस्त्र बल समय के साथ और सोशल मीडिया के आगे बढ़ने के तरीके के अनुरूप नहीं चलेंगे तो मुश्किलें होंगी।
तीनों सेनाओं के वरिष्ठ अधिकारियों को ‘सोशल मीडिया और सशस्त्र बल’ विषय पर संबोधित करते हुए जनरल रावत ने कहा कि मनौवैज्ञानिक युद्ध के लिए सोशल मीडिया का लाभ उठाया जा सकता है।
सशस्त्र बलों के जवानों के काम की संवेदनशीलता को देखते हुए उन्हें स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। इसका जिक्र करते हुए रावत ने कहा कि अगर स्मार्टफोन के इस्तेमाल को रोका नहीं जा सकता तो कम से कम जवानों को सिखाया जाना चाहिए कि सही तरीके से इसका इस्तेमाल कैसे किया जाए।
रावत ने कहा कि सेना मोबाइल एप ‘अर्पण’ तैयार कर रही है ताकि जवानों और अधिकारियों को लाभान्वित किया जा सके।