Case of falling of Shivaji Maharaj's statue in Maharashtra : महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग जिले में छत्रपति शिवाजी महाराज की ध्वस्त प्रतिमा के मूर्तिकार ने राज्य कला निदेशालय को उसी प्रतिमा का 6 फुट ऊंचा मिट्टी का मॉडल सौंपा था जिसे इसने पिछले साल मंजूरी दे दी थी। लेकिन मूर्तिकार ने शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा बना दी।
अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। निदेशालय प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों की प्रतिमाओं को तभी मंजूरी देता है जब वह उन व्यक्तित्वों के चेहरे और अन्य शारीरिक विशेषताओं को अच्छी तरह से परिलक्षित करती हैं। सिंधुदुर्ग की मालवन तहसील में राजकोट किले में स्थापित और पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अनावरण की गई मराठा साम्राज्य के संस्थापक की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को ढह गई।
इस घटना से राजनीतिक विवाद पैदा हो गया क्योंकि विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) ने इस मुद्दे पर एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार की आलोचना की। घटना के बाद पुलिस ने प्रतिमा के कलाकार जयदीप आप्टे के खिलाफ मामला दर्ज किया और इसके संरचनात्मक सलाहकार चेतन पाटिल को गिरफ्तार कर लिया।
नाम नहीं जाहिर करने की शर्त पर एक अधिकारी ने कहा, शिवाजी महाराज की प्रतिमा (राजकोट किले में स्थापित करने के लिए प्रस्तावित) का छह फुट का मिट्टी का मॉडल राज्य सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार मंजूरी के लिए मूर्तिकार द्वारा प्रस्तुत किया गया था। यह मॉडल दो मई, 2017 को सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी जीआर के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि निदेशालय ने सात अगस्त, 2023 को उस स्केल मॉडल के लिए मंजूरी दी।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत है कि निदेशालय द्वारा केवल छह फुट ऊंची प्रतिमा बनाने की मंजूरी दी गई थी, लेकिन मूर्तिकार ने शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा बना दी। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रतिमा को मंजूरी देते समय जेजे इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट्स के विशेषज्ञ स्केल मॉडल की जांच करने के साथ यह सुनिश्चित करते हैं कि प्रतिमा में वही विशेषताएं हों जो इससे संबंधित व्यक्ति में होती हैं।(भाषा)
Edited By : Chetan Gour