विकास दर अनुमान घटाने के पीछे मूडीज ने तर्क दिया है कि देश की अर्थव्यवस्था चक्रीय सुधार के दौर से गुजर रही है, लेकिन महंगा तेल तथा कमजोर वित्तीय स्थिति इसकी रफ्तार पर भारी पड़ेगी, हालांकि 2019 के लिए इसने 7.5 फीसदी विकास दर के अपने अनुमान को बरकरार रखा है।
अपने 'ग्लोबल मैक्रो आउटलुक : 2018-19' के एक अपडेट में मूडीज ने कहा कि 2018 में हमें विकास दर 7.3 फीसदी के आसपास रहने की उम्मीद की है, जो हमारे 7.5 फीसदी के पिछले अनुमान से कम है। 2019 के लिए विकास दर अनुमान को 7.5 फीसदी पर बरकरार रखा है। मूडीज ने कहा कि उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तथा सामान्य मानसून के समर्थन से ग्रामीण खपत में तेजी का लाभ विकास दर को मिलना चाहिए।
एजेंसी ने कहा कि निजी निवेश चक्र धीरे-धीरे तेजी की तरफ बढ़ता रहेगा, क्योंकि ट्विन बैलेंस शीट के मुद्दे (बैंकों की फंसी संपत्तियां तथा कॉर्पोरेट कर्ज) का समाधान परिसंपत्तियों की बिक्री तथा दिवाला एवं दिवालियापन संहिता के जरिए धीरे-धीरे होगा। साथ ही अप्रत्यक्ष कर की नई व्यवस्था वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) अगली कुछ तिमाहियों तक वृद्धि पर भारी पड़ सकती है, जो विकास दर अनुमान को कम करने का जोखिम पैदा करता है, हालांकि हम पूरे साल इन मुद्दों का असर मामूली रहने की उम्मीद करते हैं।