मोदी ने रविवार को आकाशवाणी से प्रसारित अपने मासिक कार्यक्रम मन की बात की 86वीं कड़ी के प्रसारण पर देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि वोकल फ़ॉर लोकल का इस्तेमाल कर हम न सिर्फ त्योहार की खुशियां मना सकते हैं बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन में भी खुशियों की बहार ला सकते हैं इसलिए ऐसे अवसर पर स्थानीय उत्पादों का विशेष इस्तेमाल होना चाहिए।
उन्होंने कहा, 'होली हमें एक सूत्र में पिरोने वाला त्योहार है। इसमें अपने–पराए, द्वेष–विद्वेष, छोटे–बड़े सारे भेद मिट जाते हैं। इसलिए कहते है कि होली के रंगों से भी ज्यादा गाढ़ा रंग होली के प्रेम और सौहार्द का होता है। होली में गुझिया के साथ-साथ रिश्तों की भी अनूठी मिठास होती है। इन रिश्तों को हमें और मजबूत करना है इसलिए रिश्ते सिर्फ अपने परिवार के लोगों से ही नहीं बल्कि उन लोगों से भी हों जो आपके एक वृहद् परिवार का हिस्सा है।'
मोदी ने कहा कि इन रिश्तों को निभाने का सबसे महत्वपूर्ण तरीका है - वोकल फ़ॉर लोकल के साथ त्योहार मनाना। त्योहारों पर स्थानीय उत्पादों की खरीदी करें जिससे आपके आसपास रहने वाले लोगों के जीवन में भी रंग भरे, रंग रहे, उमंग रहे।
उन्होंने कहा कि हमारा देश जितनी सफलता से कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है और आगे बढ़ रहा है उससे त्योहारों में जोश भी कई गुना हो गया है। इसी जोश के साथ हमें अपने त्योहार मनाने हैं, और साथ ही अपनी सावधानी भी बनाए रखनी है। मैं आप सभी को आने वाले पर्वों की ढेर सारी शुभकामनाएं देता हूं।