अब ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के बनेंगे नियम, ऑनलाइन मिलेगी डिग्री
मंगलवार, 16 जनवरी 2018 (20:34 IST)
नई दिल्ली। सरकार देश में उच्च शिक्षा में दाखिला दर 25 प्रतिशत से बढ़ाकर 32 प्रतिशत करने के वास्ते अब ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए नियम बनाने जा रही है और गैर तकनीकी विषयों में ऑनलाइन डिग्री देने की व्यवस्था करने जा रही है।
केन्द्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (केब) की दो दिवसीय बैठक के मंगलवार को अंतिम दिन उच्च शिक्षा पर विचार-विमर्श के दौरान यह निर्णय लिया गया। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने बैठक के बाद बताया कि अभी उच्च शिक्षा में दाखिला दर 25.2 प्रतिशत है, उसे पांच वर्षों में हम 30-32 प्रतिशत करना चाहते हैं। इसके लिए नए विश्वविद्यालय कॉलेज खोलेंगे तथा बुनियादी ढांचे को दोगुना करेंगे और दूरवर्ती शिक्षा तथा ऑनलाइन शिक्षा की मदद लेंगे।
उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में क्षेत्रीय असंतुलन भी बहुत है, किसी राज्य में तो दाखिला दर 54 प्रतिशत है तो किसी में 14 से 16 प्रतिशत तक, ऑनलाइन शिक्षा से यह असंतुलन भी दूर हो सकेगा। इसके लिए गैर तकनीकी पाठ्यक्रम में ऑनलाइन सर्टिफिकेट डिप्लोमा तथा डिग्री कोर्से शुरू किए जाएंगे और ऑनलाइन शिक्षा के नियम बनाए जाएंगे।
जावडेकर ने कहा कि हर राज्य इसके लिए एक योजना बनाएगा और तब इसके नियमों को तैयार किया जाएगा, लेकिन ऑनलाइन कोर्से की अनुमति उन्ही संस्थानों को दी जाएगी, जिनको नैक का ए प्लस रैंक मिला हो। हर कॉलेज को यह अनुमति होगी कि वह पंद्रह प्रतिशत दाखिला ऑनलाइन कोर्स के लिए दे। यह कोर्स जीमैट जीआरई परीक्षाओं की तरह होगा और यह पूरी तरह त्रुटिरहित होगा। जावडेकर ने यह भी कहा कि स्वयं प्लेटफार्म से भी 600 कोर्स की पढ़ाई हो रही है और 17 लाख छात्र इससे लाभान्वित हो रहे हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री ने बताया कि उन्नत भारत योजना के तहत अब छात्र अपने आसपास के गांव में जाकर लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक बनाएंगे और स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाएंगे। इस तरह वे सामाजिक सेवा भी देंगे।
जावडेकर ने बताया कि कोई गरीब छात्र उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होगा। पिछले तीन सालों में 24 लाख छात्रों ने उच्च शिक्षा के लिए बैंकों से कर्ज लिया, जिसका ब्याज मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भरा। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय प्रबंधन संस्थान को स्वायत्ता देने वाले विधेयक के संसद से पारित होने के बाद राष्ट्रपति ने उस पर हस्ताक्षर कर दिए हैं और यह कानून एक फरवरी तक लागू हो जाएगा। इसके लिए नियम बनाने वास्ते कल बैठक हो रही है।
केब की बैठक को संस्कृति मंत्री डॉ. महेश शर्मा और मानव संसाधन राज्य मंत्री डॉ. सत्यपाल सिंह ने संबोधित किया। (वार्ता)