ट्राई का बड़ा फैसला, सस्ती होगी कॉल दरें...

बुधवार, 20 सितम्बर 2017 (10:26 IST)
नई दिल्ली। दूरसंचार नियामक ट्राई ने मोबाइल इंटरक्नेक्शन उपयोग शुल्क (आईयूसी) को 14 पैसे से घटाकर छह पैसे प्रति मिनट कर दिया। मोबाइल कंपनियां अगर इस कटौती का फायदा ग्राहकों को देती हैं तो काल दरें घटने की राह खुल सकती है।
 
नियामक के इस कदम का फायदा नई कंपनी रिलायंस जियो को मिलने की उम्मीद है। वहीं मोबाइल कंपनियों के संगठन सीओएआई ने इस फैसले को ‘अनर्थकारी’ करार देते हुए कहा है कि इसके खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
 
उल्लेखनीय है कि आईयूसी वह शुल्क होता है जो कोई दूरसंचार कंपनी अपने नेटवर्क से दूसरी कंपनी के नेटवर्क पर मोबाइल कॉल के लिए दूसरी कंपनी को देती है।
 
ट्राई ने कहा है कि छह पैसे प्रति मिनट का नया काल टर्मिनेशन शुल्क एक अक्तूबर 2017 से प्रभावी होगा और एक जनवरी 2020 से इसे पूरी तरह से समाप्त कर दिया जाएगा। नियामक ने अपने बयान में कहा है कि उसने यह फैसला भागीदारों से मिली राय के आधार पर किया है।
 
सीओएआई के महानिदेशक राजन मैथ्यूज ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा,‘ यह अनर्थकारी कदम है ... ज्यादातर सदस्य कंपनियों ने संकेत दिया है कि वे संभवत इस मामले में राहत के लिए अदालत की राह लेंगी।’
 
ट्राई के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर ने भी मैथ्यूज के विचारों से सहमति जताई है। उन्होंने कहा कि अगर आप टर्मिनेशन शुल्क घटाएंगे तो मुख्य लाभान्वित जियो होगी क्योंकि वही अन्य नेटवर्क पर भारी ट्रेफिक बोझ डाल रही है।’
 
उल्लेखनीय है कि आईयूसी को लेकर हाल ही में खासा विवाद रहा है और इसमें कटौती का ट्राई का यह फैसला भारती एयरटेल जैसी प्रमुख दूरसंचार कंपनियों के रुख के विपरीत है जो कि इसमें बढोतरी की मांग कर रहीं थी।
 
भारती एयरटेल इस मुद्दे पर आईयूसी शुल्क को कम करने की मांग करने वाली रिलायंस जियो के साथ विवाद में भी फंसी है।
 
एक अन्य कदम में नियामक ने दूरसंचार क्षेत्र में व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया है। इस परिपत्र में समयबद्ध मंजूरियों, शुल्कों को युक्तिसंगत बनाए जाने व श्रेणीबद्ध जुर्माने का प्रस्ताव है। (भाषा) 

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