क्‍या है Ponzi scheme Fraud, कैसे काम करता है, चार्ल्स पोंजी से क्‍या है कनेक्‍शन?

Webdunia
शुक्रवार, 24 नवंबर 2023 (18:23 IST)
इन दिनों पोंजी नाम की स्‍कीम फ्रॉड की चर्चा है। इस सिलसिले में साऊथ के अभिनेता प्रकाश राज को भी ईडी ने सम्‍मन भेजा है। दरअसल, पोंजी स्कीम (Ponzi Scheme) घोटाले में ईडी ने तमिलनाडु के त्रिची के मशहूर प्रणव ज्वेलर्स के ठिकानों पर छापा मारा है। आरोप है कि ज्वेलरी फर्म ने पोंजी स्कीम चलाकर 100 करोड़ रुपए का गबन किया है।

बता दें कि पोंजी स्कीम फ्रॉड का नाम उस शख्स के नाम पर पड़ा, जिसने पहली बार इसे अंजाम दिया था। उसका नाम था चार्ल्स पोंजी। ये फ्रॉड इतना पॉपुलर हुआ कि आज तक ठग इसे कॉपी कर रहे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक ज्वैलरी फर्म द्वारा चलाए जा रहे स्टोर अक्टूबर में बंद हो गए। इसके बाद जिन लोगों ने अपना पैसा लगाया था, इसकी शिकायत त्रिची स्थित आर्थिक अपराध शाखा में की गई। बता दें कि प्रणव ज्वेलर्स का विज्ञापन मशहूर अभिनेता प्रकाश राज करते हैं। इसी वजह से इस मामले में प्रकाश राज से भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है।

क्‍या है पोंजी स्कीम फ्रॉड, कैसे काम करता है?
ये एक तरह का इंवेस्टमेंट फ्रॉड है, जिसमें नए निवेशकों के पैसे लेकर पुराने निवेशकों को दिया जाता है। पोंजी स्कीम में ग्राहकों को बिना किसी जोखिम के बड़ा मुनाफा देने का वादा किया जाता है। इसमें एक प्रकार का पिरामिड तैयार किया जाता है, जिसमें निवेशकों को भुगतान के लिए निवेशकों के ही फंड का इस्तेमाल किया जाता है। जब नए निवेशकों की संख्या नहीं मिल पाती तो ऐसे स्कीमों का पर्दाफाश हो जाता है। पोंजी स्कीम में शामिल कंपनियों का पूरा फोकस नए ग्राहकों को आकर्षित करने पर रहता है। लोग भी तगड़े रिटर्न के चक्कर में अपने रिटर्न को ही रीइन्वेस्ट करने लगते हैं। लोगों के पैसे दोगुने-तीन गुने होना तो बहुत दूर की बात, लोगों को वो पैसे भी नहीं मिल पाते जो उन्होंने इंवेस्ट किए थे।

पॉपुलर हुआ फ्रॉड : पोंजी स्कीम फ्रॉड का नाम उस शख्स के नाम पर पड़ा, जिसने पहली बार इसे अंजाम दिया था। उसका नाम था चार्ल्स पोंजी। ये फ्रॉड इतना पॉपुलर हुआ कि आज तक ठग इसे कॉपी कर रहे हैं।

पोंजी स्कीम के रेड फ्लैग्स  क्या हैं आरोप : प्रणव ज्वेलर्स पर आरोप है कि उन्होंने सोने में निवेश और अच्छा रिटर्न देने के नाम पर लोगों से 100 करोड़ रुपए इकट्ठे किए। लेकिन बाद में ज्वेलर ने ना रिटर्न दिया गया और ना ही लोगों के पैसे वापस किए गए। जांच में पता चला है कि ज्वेलर लोगों से इकट्ठे किए गए पैसों को शैल कंपनियों में डायवर्ट करते थे।
Edited By : Navin Rangiyal

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