राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल ने कहा है कि भारत न केवल अपनी सीमा में लड़ेगा बल्कि विदेशी जमीन पर भी जाकर लड़ेगा, जहां से देश के लिए खतरा पैदा होता हो। डोभाल ने कहा कि हम वहां युद्ध लड़ेंगे जहां से हमें खतरा महसूस हो रहा है।
(NSA) का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब भारत का चीन के साथ सीमा पर तनाव चरम पर है। यह भी माना जा रहा है कि डोभाल का यह बयान पाकिस्तान के संदर्भ में हो सकता है, जो अपनी जमीन पर आतंकवादियों ट्रेनिंग देकर भारत भेजता है।
ऋषिकेश के परमार्थ निकेतन में डोभाल ने कहा कि भारत किसी पर पहला वार नहीं किया है। नई रणनीतिक सोच में यह शामिल है कि हम सुरक्षा खतरों को कम करने के लिए हम सक्रियता से कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि 'यह जरूरी नहीं है कि हम वहीं लड़ें जहां तुम चाहो, भारत लड़ाई को वहां ले जाएगा जहां से खतरा पैदा होता है।
एनएसए डोभाल के इस बयान पर सरकार की ओर से सफाई आई है। सरकार का कहना है कि ये चीन को लेकर नहीं दिया गया बल्कि ये भारत की आध्यात्मिक सोच पर था। लेकिन बावजूद इसके यह बयान साफ करता है कि भारत युद्ध की धमकी या खतरे से नहीं डरता और युद्ध के लिए हमेशा तैयार है।
रक्षा मंत्री ने भी दिया था कड़ा बयान : दशहरे पर अपने संबोधन में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने चीनी अतिक्रमण को लेकर बात की थी। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भी सख्त संदेश दिया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा था कि भारत पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर तनाव को खत्म कर शांति बहाल करना चाहता है लेकिन भारतीय सैनिक देश की भूमि का एक इंच भी किसी को लेने नहीं देंगे। रक्षामंत्री ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग जिले के सुकना में स्थित भारतीय सेना के 33 कोर के मुख्यालय में दशहरे के मौके पर शस्त्र पूजा के बाद यह टिप्पणी की थी।