manoj jarange: मराठा आरक्षण से संबंधित मांगों को लेकर 4 दिन से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को डॉक्टरों की सलाह के बावजूद नसों के माध्यम से तरल पदार्थ (आईवी फ्लुइड) लेने से इनकार कर दिया।
मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के तहत आरक्षण देने की मांग कर रहे जरांगे ने मध्य महाराष्ट्र के जालना जिले में अंतरवाली सराटी गांव में नये सिरे से भूख हड़ताल शुरू की है।
सरकारी ग्रामीण अस्पताल के एक दल ने सुबह उनकी जांच की। उनका रक्तचाप और रक्त शर्करा स्तर कम था और उन्हें नसों के माध्यम से शरीर में तरल पदार्थ लेने की सलाह दी गई है। एक डॉक्टर ने मीडियाकर्मियों को यह जानकारी दी। हालांकि, जरांगे ने कहा कि वह इस तरह से कोई आहार नहीं लेंगे।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार को हमारी दुर्दशा की बिल्कुल चिंता नहीं है। मराठा समुदाय उन्हें सबक सिखाएगा।
महाराष्ट्र के मंत्री और ओबीसी नेता छगन भुजबल के इस बयान के बारे में पूछे जाने पर कि सरकार द्वारा मराठाओं को दिया गया 10 प्रतिशत आरक्षण न्यायिक जांच में खरा उतरेगा, कार्यकर्ता ने कहा कि भुजबल को इस मुद्दे में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
जरांगे मांग कर रहे हैं कि मराठा समुदाय के लोगों को कुनबी जाति का प्रमाणपत्र दिया जाना चाहिए। खेती से जुड़े कुनबी समुदाय को ओबीसी का दर्जा प्राप्त है। (भाषा)