1 रुपए में से केवल 7 पैसे मिलते हैं: रविवार को मुंबई में एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने इसी तरह की मांगों को लेकर कर्नाटक और केरल जैसे दक्षिणी राज्यों द्वारा नई दिल्ली में आयोजित हालिया विरोध प्रर्दशनों का भी जिक्र किया। ठाकरे ने दावा किया कि जब महाराष्ट्र कर के रूप में केंद्र को 1 रुपया (1 रुपया = 100 पैसे) भेजता है तो उसे केवल 7 पैसे वापस मिलते हैं। उन्होंने (उद्धव ठाकरे ने) पूछा (केंद्र से) कि 'शेष राशि का क्या होता है? आप किस प्रकार की रेवड़ियां बांटते हैं?'
ठाकरे ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि जब महाराष्ट्र आपको 1 रुपया देता है तो राज्य के विकास के लिए हमें इसका आधा हिस्सा वापस दे दें। आप हमारे राज्य को लूट रहे हैं। जब हम (विपक्षी गठबंधन 'इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस') सत्ता में आएंगे तो मैं महाराष्ट्र की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए मौजूदा कर-साझाकरण नीति को बदलने पर जोर दूंगा।
'मोदी की गारंटी' की प्रतिबद्धता पर किया कटाक्ष: शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने केंद्र सरकार की 'मोदी की गारंटी' की प्रतिबद्धता पर भी कटाक्ष किया और दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आश्वासन महाराष्ट्र जैसे राज्यों से एकत्र करों पर आधारित है। 7 फरवरी को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के नेतृत्व में कर्नाटक के शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने कर राशि के वितरण में राज्य के साथ हुए 'अन्याय' को लेकर केंद्र के खिलाफ नई दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था।