Demat account : शेयर कारोबार के लिए इस्तेमाल होने वाले डीमैट खातों की संख्या सितंबर, 2024 में बढ़कर 17.11 करोड़ हो गई। भारत में कुल डीमैट खातों की संख्या रूस, इथियोपिया, मैक्सिको और जापान जैसे देशों की आबादी से ज्यादा है। यह आंकड़ा बांग्लादेश की आबादी के करीब हैपिछले 2 माह में देश में 86.74 लाख नए डीमैट खाते खोले गए। दिसंबर, 2022 को देश में डिमैट खातों की संख्या 10.8 करोड़ थी।
क्या है डीमैट खाते : डीमैट अकाउंट का मतलब डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। यह एक ऐसा अकाउंट होता है, जिसमें आप शेयर सर्टिफिकेट और अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज, म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस और ईटीएफ जैसे निवेश को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है।
देश में क्यों बढ़ रहे हैं डीमैट खाते : निवेश के प्रति बढ़ते रुझान, शेयर बाजारों से आकर्षक रिटर्न, खाता खोलने की प्रक्रिया सुगम होने और वित्तीय बचत में वृद्धि से डीमैट खातों की संख्या में इतनी तेज वृद्धि हुई है। विशेषज्ञ डीमैट खातों में वृद्धि का श्रेय युवा पीढ़ी और बढ़ते मध्यम वर्ग की मानसिकता और आकांक्षाओं में आमूल-चूल बदलाव को देते हैं। उनका कहना है कि डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग से संभव हुए ऑनलाइन निवेश में टियर 2 और टियर 3 के विकल्पों की उपलब्धता के कारण, शहर अब महानगरीय और प्रमुख शहरों के अलावा मांग पैदा कर रहे हैं।
डीमैट अकाउंट कैसे खोले : आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) या सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये किसी बैंक या वित्तिय संस्था को डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं। किसी भी डीपी के साथ आप अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं। इसे एक्सेस करने के लिए आपकों एक यूनिक लॉगिन आईडी और पासवर्ड की आवश्यकता होती है। हालांकि इसमें बैंक अकाउंट की तरह न्यूनतम राशि रखने की आवश्यकता नहीं होती।