पश्चिम एशिया में युद्ध की आहट से सहमा शेयर बाजार, सेंसेक्स में भारी गिरावट, निफ्टी भी धड़ाम

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 3 अक्टूबर 2024 (10:13 IST)
Share market news : इजराइल के लेबनान में हमले और ईरान के पलटवार के बीच पश्चिम एशिया में युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। युद्ध की आशंका को देखते क्रूड के दामों में आग लग गई तो भारतीय शेयर बाजार भी सहमें दिखाई दिए। सेंसेक्स में शुरुआती कारोबार में 1264 अंकों की गिरावट आई तो निफ्टी भी 345.3 अंक फिसल गया। 
 
सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,264 अंक की गिरावट के साथ 83,002 अंक पर और निफ्टी 345 अंक फिसलकर 25,451.60 अंक पर था। हालांकि कुछ ही देर में यह गिरावट से काफी हद तक उबर गया। सुबह 10.10 मिनट पर सेंसेक्स 811 अंकों की गिरावट के साथ 83,455 पर था। जबकि निफ्टी 264 अंक गिरकर 25,533 पर पहुंच गया।

दोपहर 11.50 बजे सेंसेक्स 1321 अंक गिरकर 82,945 पर पहुंच गया। इस समय निफ्टी भी 393 अंक गिरकर 25,405 पर था।
 
इन शेयरों में गिरावट : सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टूब्रो, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई। हालांकि जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, सन फार्मा और एनटीपीसी के शेयर लाभ में रहे।
 
क्या है विदेशी शेयर बाजारों का हाल : एशियाई बाजारों में हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा, जबकि जापान का निक्की 225 फायदे में रहा। चीन का शंघाई कम्पोजिट अवकाश के कारण आज और इस पूरे सप्ताह बंद रहेगा। अमेरिकी बाजार बुधवार को सकारात्मक रुख के साथ बंद हुए थे।
 
11 पैसे गिरा रुपया : कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव की चिंताओं के बीच घरेलू शेयर बाजारों में नकारात्मक धारणा के कारण रुपया गुरुवार को शुरुआती कारोबार में 11 पैसे की गिरावट के साथ 83.93 प्रति डॉलर पर आ गया। विदेशी मुद्रा कारोबारियों ने बताया कि पूंजी बाजारों से विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी तथा अमेरिकी मुद्रा के मजबूत रुख से भी भारतीय मुद्रा पर दबाव पड़ा।
 
कच्चे तेल के दाम में आग : युद्ध की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में आग लग गई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड 71 डॉलर प्रति बैरल के आसपास कारोबार कर रहा है। ब्रेंट क्रूड 1.11 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.72 डॉलर प्रति बैरल पर है। इससे दुनियाभर में पेट्रोल-डीजल (Petrol-Diesel) की कीमतों में उछाल आ सकता है।
Edited by : Nrapendra Gupta 

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