दुबई: 81 गेंदें शेष रहते स्कॉटलैंड पर बड़ी जीत दर्ज करने के बाद भारत ग्रुप 2 से दूसरे सेमीफ़ाइनल स्थान के लिए अफ़ग़ानिस्तान और न्यूज़ीलैंड के साथ-साथ अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। इस बड़ी जीत से उसके नेट रन रेट में भारी बढ़ोतरी हुई है लेकिन अंतिम चार में पहुंचने के लिए उसे अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ न्यूज़ीलैंड की हार की कामना करनी होगी। दूसरे सेमीफ़ाइनल स्थान को अपने नाम करने के लिए इन तीन टीमों को क्या करना होगा।
भारत :मैच - 4, अंक - 4, नेट रन रेट - 1.619, बचा हुआ मैच - बनाम नामीबिया
सिर्फ़ दो मैचों में भारत का नेट रन रेट -1.069 से बढ़कर प्लस 1.619 हो गया है। हालांकि अब भी क्वालीफाइंग का मौक़ा पाने के लिए उन्हें अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़ न्यूज़ीलैंड के मैच हारने की आवश्यकता है। अगर अफ़ग़ानिस्तान वह मैच जीत जाता है, तो भारत के पास अपने शानदार नेट रन रेट के कारण सेमीफ़ाइनल में प्रवेश करने का अच्छा मौक़ा है।
उदाहरण के तौर पर, अगर अफ़ग़ानिस्तान पहले बल्लेबाज़ी कर 160 रन बनाती है और न्यूज़ीलैंड को 30 रनों से मात देती है, तो भारत को नेट रन रेट में उनसे आगे रहने के लिए नामीबिया के ख़िलाफ़ 21 रनों से जीत दर्ज करनी होगी। और क्योंकि भारत सोमवार को ग्रुप का आख़िरी मैच खेलेगा, उससे पता चल जाएगा कि क्वालीफ़ाई करने के लिए उसे क्या करने की ज़रूरत है। हालांकि अगर न्यूज़ीलैंड अपना अंतिम मैच जीत जाता है तो भारत बाहर हो जाएगा।
पिछले दो मैचों में भारत की बड़ी जीत ने अफ़ग़ानिस्तान के टॉप चार में जाने की संभावना को कम कर दिया है। जैसा कि पहले बताया गया है, अगर वह न्यूज़ीलैंड को 30 रनों से भी शिकस्त देता है, फिर भी भारत के लिए जीत का अंतर काफ़ी मामूली होगा। लेकिन यदि अफ़ग़ानिस्तान 160 रन बनाने के बाद 60 रनों से न्यूज़ीलैंड को हराता है, तो भारत को उनसे आगे निकलने के लिए नामीबिया को 48 रनों से हराना होगा क्योंकि भारत अपना मैच सबसे आख़िर में खेलेगा, उसे सारे समीकरण पता होंगे। उनके आगे बढ़ने के लिए उन्हें न्यूज़ीलैंड को हराना होगा और उम्मीद करनी होगी कि नामीबिया भारत के ख़िलाफ़ एक उलटफेर करे।
न्यूज़ीलैंड के लिए नेट रन रेट चिंता का विषय नहीं है। अगर वे हार जाते हैं, तो उनका नेट रन रेट अफ़ग़ानिस्तान से नीचे रहेगा, और वे निश्चित रूप से बाहर हो जाएंगे। हालांकि अगर वह जीत जाता है, तो वह आठ अंकों पर पहुंच जाएगा जहां भारत नहीं पहुंच सकता। न्यूज़ीलैंड को पांच दिनों में तीन अलग-अलग मैदानों पर मैच खेलने की चुनौती से भी जूझना होगा, जबकि अफ़ग़ानिस्तान ने अबू धाबी में ही अपने पिछले दो मैच खेले हैं।(वार्ता)