संयुक्त राष्ट्र के सहायता कर्मियों ने आगाह किया है कि ग़ाज़ा में युद्धक गतिविधियां बुधवार को भी जारी रहीं, जिनके कारण पहले से ही कठिन मानवीय सहायता का आपूर्ति स्थिति और भी बदतर हुई है, खाद्य असुरक्षा की स्थिति और भीषण हुई है। ऐसा इसलिए हो रहा है, क्योंकि राहत क़ाफ़िलों के लिए मुख्य प्रवेश मार्ग या तो बन्द हैं या वहां तक पहुंचना बहुत ख़तरनाक है।
As a result of the ongoing military operation in eastern Rafah the @UNRWA distribution centre and @WFP warehouse, both in #Rafah, are now inaccessible.
Food distributions in Rafah, southern#Gaza, are currently suspended due to lack of supplies and insecurity. pic.twitter.com/EQfdjHYwrk
फ़लस्तीनी शरणार्थियों के लिए यूएन सहायता एजेंसी – UNRWA ने पुष्टि की है कि आपूर्ति की कमी और युद्धक गतिविधियां जारी रहने के कारण खाद्य वितरण का काम स्थगित कर दिया गया है, क्योंकि युद्धक हालात ने सहायता टीमों का काम करना बहुत ख़तरनाक बना दिया है।
UNRWA की प्रवक्ता लुईस वॉटरिज ने बुधवार को यूएन न्यूज़ को बताया कि इसराइल द्वारा 6 मई को लोगों को रफ़ाह इलाक़े से बाहर निकल जाने के आदेश जारी किए जाने के बाद, से वहां स्थिति लगातार बदतर हुई है।
प्रवक्ता ने कहा कि चूंकि यह हमला रफ़ाह में भी शुरू कर दिया गया है, इसने मानवीय सहायता उपलब्ध कराने की, हमारी और वृहद मानवीय सामर्थ्य को गम्भीर रूप से सीमित कर दिया है।
मानवीय सहायता रिक्तता: UNRWA की प्रवक्ता लुईस वॉटरिज ने कहा कि लगातार हमलों के कारण इस इलाक़े में अब हम खाद्य वितरण केन्द्रों तक नहीं पहुंच सकते हैं, बिल्कुल भी सुरक्षा नहीं है, और इसके अलावा, और हमें सीमा चौकियों के ज़रिए भी प्रवेश नहीं मिल रहा है। कुछ इसी तरह की बात मध्य पूर्व शान्ति प्रक्रिया के लिए यूएन समन्वयक टोर वैनेसलैंड ने सोमवार को सुरक्षा परिषद में कही थी।
उन्होंने कहा था कि मैं मौजूदा दुखद स्थिति पर बहुत चिन्तित हूं, जिसमें और भी बड़े पैमाने के सैन्य अभियान की सम्भावना शामिल है। अगर ऐसा हुआ तो उससे मानवीय सहायता सामग्री पहुंचाने और ज़रूरतमन्द लोगों तक उसे सुरक्षित तरीक़े से पहुंचाने के प्रयासों को धक्का पहुंचेगा।
टोर वैनेसलैंड ने इस युद्ध के नहीं रुकने की स्थिति में व्यापक क्षेत्र में फैल जाने का जोखिम है। इस बीच बुधवार को, आयरलैंड, स्पैन और नॉर्व ने फ़लस्तीन देश को मान्यता देने की अपनी मंशा, संयुक्त रूप से व्यक्त की है।
आटरलैंड ने एक वक्तव्य में कहा है कि फ़लस्तीन को एक देश के रूप में मान्यता देने वाला प्रस्ताव 28 मई को प्रभाव में आने वाला है, जिसके लिए पूरे योरोप और मध्य पूर्व में समान विचारों वाले अनेक देशों के बीच कई महीने तक कूटनैतिक विचार-विमर्श हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र की आपदा राहत समन्वय एजेंसी– OCHA और ग़ाज़ा के स्वास्थ्य अधिकारियों के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, ग़ाज़ा युद्ध में अब तक 35 हज़ार से अधिक लोग मारे गए हैं और 79 हज़ार से अधिक घायल हुए हैं। लगभग 17 हज़ार बच्चे या तो बेसहारा हैं या अपने परिवारों से बिछड़ गए हैं।