मस्जिद कभी मंदिर हुआ करता था : उन्होंने कहा कि हमने उच्चतम न्यायालय के उक्त आदेश की एक प्रति दाखिल की है। अब सुनवाई की तारीख 5 मार्च तय की गई है। जब उनसे पूछा गया कि हिन्दू पक्ष का दावा है कि जिस स्थान पर मस्जिद है वहां कभी मंदिर हुआ करता था तो उन्होंने कहा कि इस पर अदालत फैसला करेगा। उन्होंने कहा कि हमारे पास पूरे सबूत हैं, हम पूरी तरह तैयार हैं, हम अदालत में साबित करेंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं बल्कि जामा मस्जिद है। हिन्दू पक्ष के वकील गोपाल शर्मा ने कहा कि उस पक्ष ने अपना कोई जवाब दाखिल नहीं किया है।
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