भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अपने ब्लॉग में आरोप लगाया है कि कांग्रेस और उसके नेताओं ने पूर्व में कभी किसी चुनाव का इतना अधिक साम्प्रदायिकरण नहीं किया जितना कि इन दिनों चल रहे उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का किया है। उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि कांग्रेस की इस मुहिम का प्रियंका गांधी सहित गांधी परिवार समर्थन कर रहा है।
आडवाणी ने कहा कि उत्तरप्रदेश चुनावों का साम्प्रदायिकरण करने की मुहिम की शुरुआत कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने की और इसमें चुनाव आयोग की इस हद तक अवमानना की कि इस संवैधानिक इकाई को राष्ट्रपति से गुहार लगानी पड़ी।
उन्होंने नेहरू गांधी परिवार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए संदेह जताया कि संवैधानिक संस्था की अवमानना कांग्रेस के चुनाव प्रबंधकों के पूर्व नियोजित षड़यंत्र का हिस्सा है।
भाजपा नेता ने कहा यह गौर करने वाली बात है कि खुर्शीद की बातों से पार्टी ने औपचारिक रूप से अपने को अलग कर लिया जबकि परिवार (गांधी) ने ऐसा नहीं किया। परिवार की सबसे युवा प्रचारक प्रियंका ने तो कानून मंत्री का गर्मजोशी से समर्थन किया।
आडवाणी ने दो दिन पहले लिखे अपने ब्लॉग में कहा है कि मामला राष्ट्रपति तक जाने पर खुर्शीद को मजबूरन चुनाव आयोग से माफी मांगनी पड़ी लेकिन उसके बाद अन्य केन्द्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने मुसलमानों को नौ प्रतिशत आरक्षण का वायदा करने की कमान संभाल ली। आयोग को उसके खिलाफ भी कार्रवाई करनी पड़ी।
उन्होंने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता में साफ साफ लिखा है कि कोई मंत्री किसी भी रूप में मतदाताओं को किसी भी प्रकार की वित्तीय सहायता देने की घोषणा नहीं करेगा। इस आचार संहिता में किसी वर्ग को नौकरी का वायदा देना भी विशेष वित्तीय सहायता के दायरे में आता है।
आडवाणी ने कहा कि आचार संहिता में इतने स्पष्ट उल्लेख के बावजूद एक के बाद एक केन्द्रीय मंत्री द्वारा मुसलमानों को नौकरियों में नौ प्रतिशत आरक्षण वायदा किया जाता रहा जो गांधी परिवार की मर्जी के बिना नहीं हो सकता है। (भाषा)