योरपीय देशों का पलटवार
यूरोपीय यूनियन (EU) ने बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ पर पलटवार करते हुए कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 25% तक टैरिफ लगाने को मंजूरी दे दी है। EU इसके जरिए अमेरिकी पर समझौते का दबाव बनाना चाहता है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक EU की लिस्ट में सोयाबीन, मांस, अण्डा, बादाम, लोहा, स्टील, कपड़ा, तम्बाकू और आइसक्रीम समेत कई अमेरिकी प्रोडक्ट्स को टारगेट किया गया है।
चीन भी झुकने को नहीं तैयार
चीन ने पलटवार करते हुए अमेरिका से आयातित उत्पादों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 84 प्रतिशत करने की घोषणा कर दी है। यह गुरुवार से प्रभावी होगा। इसके साथ ही चीन ने अमेरिका के साथ बढ़ते व्यापार युद्ध में 'अंत तक लड़ने' की बात कही।
पिछले सप्ताह चीन ने कहा था कि वह सभी अमेरिकी सामान पर 34 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिका को होने वाले चीन के निर्यात पर 104 प्रतिशत शुल्क के लागू होने के बाद चीन ने यह कदम उठाया है। बीजिंग ने कहा कि वह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में अमेरिका के खिलाफ एक और मुकदमा शुरू कर रहा है और चीनी कंपनियों के साथ अमेरिकी कंपनियों के व्यापार पर अधिक प्रतिबंध लगाए जाएंगे।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने अमेरिका के साथ व्यापार पर श्वेत पत्र जारी करते हुए एक बयान में कहा कि 'यदि अमेरिका अपने आर्थिक और व्यापार प्रतिबंधों को और बढ़ाने पर जोर देता है, तो चीन के पास जरूरी जवाबी उपाय करने और अंत तक लड़ने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और पर्याप्त साधन हैं। चीन की सरकार ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या वह व्हाइट हाउस के साथ बातचीत करेगी, जैसा कि कई अन्य देशों ने करना शुरू कर दिया है।
क्या बोला चीन
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने बुधवार को कहा, ''अगर अमेरिका वास्तव में बातचीत के जरिए मुद्दों को हल करना चाहता है, तो उसे समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ का रवैया अपनाना चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक स्तर पर शुल्क में भारी वृद्धि, विशेष रूप से चीन को निशाना बनाकर अमेरिका को होने वाले चीनी निर्यात पर 104 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है।
ट्रंप द्वारा लगाया गया अतिरिक्त 50 प्रतिशत शुल्क बुधवार से लागू हो गया, जिसके बाद अमेरिका में चीनी निर्यात पर कुल शुल्क बढ़कर 104 प्रतिशत हो गया। चीन ने संकल्प लिया है कि अगर ट्रंप यह शुल्क व्यवस्था जारी रखते हैं तो वह अंत तक लड़ेगा। अब तक, चीन बातचीत में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma