एजेंसी ने कहा है कि पीएनबी के बांडों की साख में कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन फिलहाल उन्हें 'निगरानी' श्रेणी में डाल दिया गया है। साख पर अंतिम फैसला इस बात पर निर्भर करेगा कि इस मामले में आगे किस प्रकार की स्थिति बनती है।
क्रिसिल ने बताया कि उसने बैंक प्रबंधन से संपर्क कर इस फर्जीवाड़े से उत्पन्न देनदारी, इनके लिए किए जाने वाले वित्तीय प्रावधान, पूंजीकरण अनुपात पर संभावित असर, उसे मिलने वाली अतिरिक्त पूंजी आदि के बारे में जानकारी ली है।