अस्का लोकसभा सीट काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है, क्योंकि नवीन पटनायक और उनके पिता दिवंगत बीजू पटनायक इस सीट से सांसद रह चुके हैं। मुख्यमंत्री की महिला सशक्तीकरण मुहिम का चेहरा माने जाने वाली प्रमिला ने अपनी जीत का भरोसा जताया है। सत्तारूढ़ पार्टी को 2014 के चुनाव में 60 फीसदी वोट मिले थे।
भाकपा प्रत्याशी रामाकृष्ण पांडा ने कहा कि इलाके के लोग बीजद और भाजपा दोनों को नकार देंगे, क्योंकि झूठे वादे करने के कारण उनसे मोहभंग हो गया है। यह सीट पिछले 2 दशकों से बीजद का गढ़ रही है। कांग्रेस ने इस सीट से आखिरी बार 1991 में जीत का स्वाद चखा था। (भाषा)