महाराष्ट्र में कब होगा नई सरकार का गठन, मुख्यमंत्री चेहरे और मंत्रिमंडल के फॉर्मूले पर फंस गया पेंच?

विकास सिंह

शुक्रवार, 29 नवंबर 2024 (11:05 IST)
महाराष्ट्र में नई सरकार का गठन कब होगा और मुख्यमंत्री कौन होगा,इस पर चुनाव नतीजों के सात दिन बाद भी पेंच अब भी फंसा हुआ है। गुरुवार देर रात दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर हुई महायुति गठबंधन के नेताओं की अहम बैठक के बाद भी सरकार के गठन और मुख्यमंत्री के चेहरे पर सस्पेंस बना हुआ है। बैठक के बाद कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बैठक अच्छी और सकारात्मक रही लेकिन उन्होंने सरकार के गठन और मुख्यमंत्री चेहरे पर कुछ भी नहीं बोला।  

अमित शाह की बैठक के बाद भी फंसा पेंच?-गुरुवार देर रात दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह के घर हुई महायुति नेताओं की बैठक हुई। क़रीब दो घंटे चली बैठक में पहले अमित शाह और जेपी नड्डा ने महाराष्ट्र के कार्यवाही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ अलग से बैठक की। इसके बाद महायुति गठबंधन के तीनों नेताओं एकनाथ शिंदे, अजीत पवार और देवेंद्र फडणवीस के साथ  अमित शाह और जेपी नड्डा की बैठक हुई। बताया जा रहा है कि अमित शाह के घर पर महायुति की बैठक में सीएम के नाम के साथ सरकार के गठन के फॉर्मूले पर चर्चा हुई लेकिन इस पर कोई अंतिम सहमति नहीं बन पाई।

वहीं दिल्ली में हुई बैठक के बाद आज मुंबई में महायुति के नेताओं की बैठक मुंबई में होगी, जिसमें सरकार के गठन के फॉर्मूले पर मंथन किया जाएगा। इस बैठक के बाद फिर इन महायुति के नेताओं की भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा होगी और सरकार के गठन का फॉर्मूला तैयार होगा।

सरकार के गठन पर क्यों फंसा पेंच?-महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की महाविजय के बाद आखिरी क्यों नई सरकार के गठन पर पेंच फंसा हुआ है, यह बड़ा सवाल बना हुआ है।  ऐसा तब है महाराष्ट्र के कार्यवाही मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पहले ही साफ कर चुके है कि उनकी पार्टी शिवसेना सरकार गठन में बाधा नहीं बनेगी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के हर फैसले का वह करेंगे। एकनाथ शिंदे के इस ऐलान के बाद यह तय हो गया है कि महाराष्ट्र में नई सरकार का नेतृत्व भाजपा करेगी और मुख्यमंत्री भाजपा का ही बनेगा।

एकनाथ शिंदे ने फंसाया पेंच?- महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन मे क्या एकनाथ शिंदे ने पेंच फंसा दिया है, यह सवाल भी अब खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि गृहमंत्री अमित शाह के साथ बैठक में एकनाथ शिंदे ने नई सरकार में डिप्टी सीएम बनने से इंकार करने के साथ सरकार में शामिल नहीं होने की बात कहीं दिया है। हलांकि अमित शाह के साथ बैठक एकनाथ शिंदे ने सरकार को बाहर से समर्थन करने की बात करते हए कहा कि वह भाजपा के साथ रहेंगे। गौरतलब है किएकनाथ शिंदे महाराष्ट्र बड़े मराठा नेता है और चुनाव में महायुति गठबंधन को मराठा समुदाय ने खुलकर अपना समर्थन किया, इसलिए भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व चाहता है कि एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो।
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मंत्रिमंडल फॉर्मूले पर फंसा पेंच?- महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री के चेहरे के साथ मंत्रिमंडल गठन के फॉर्मूले पर पेंच फंस हुआ है। बताया जा रहा है कि एकनाथ शिंदे ने विधानसभा अध्यक्ष के साथ गृह मंत्रालय जैसे अहम विभाग चाहते है जबकि भाजपा यह दोनों महत्वपूर्ण पद अपने पास रखना चाहती है। बताया जा रहा है मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी और विभागों को लेकर महायुति गठबंधन में आम सहमति नहीं बन पा रही है।

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में भाजपा नई सरकार में गृह विभाग जैसे अहम विभाग अपने पास रखने के साथ 20 की संख्या में विधायकों को मंत्री बनाना चाह रही है। भाजपा विधायकों की संख्या के अनुसार मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व के फॉर्मूले पर बात कर रही है। वहीं एनसीपी प्रमुख अजित पवार डिप्टी सीएम सहित वित्त मंत्रालय जैसे अहम विभाग चाहते है।

देवेंद्र फडणवीस या कोई और?- महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री की रेस में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम सबसे आगे चल रहा है। गुरुवार को दिल्ली में अमित शाह के घर हुई बैठक के बाद देवेंद्र फडणवीस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर लिखा कि 'महत्वपूर्ण महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2024 के दौरान युद्ध के मैदान पर उनके भारी समर्थन और जिस तरह से उन्होंने कार्यकर्ताओं को बहुत प्रेरित और प्रेरित किया, उसके लिए माननीय केंद्रीय मंत्री अमित भाई शाह का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर नई दिल्ली में हमारे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी, एकनाथ शिंदे जी, अजितदादा पवार, #महायुति नेता, सहयोगी भी उपस्थित थे’।

देवेंद्र फडणवीस भले ही मुख्यमंत्री की रेस में आगे चल रहे हो लेकिन महाराष्ट्र में सीएम चेहरे को लेकर जातीय समीकरण फंस गया है। महाराष्ट्र में जिस तरह से पिछले दिनों मराठा आंदोलन हुआ, ऐसे में प्रचंड जीत के बाद भी भाजपा के लिए मराठा चेहरे एकनाथ शिंदे को दरकिनार करना आसान नहीं होगा। वहीं भाजपा की ओर से मुख्यमंत्री के दावेदार देवेंद्र फडणवीस अगड़े समुदाय से आते है और उनकी पार्टी  संगठन में मजबूत पकड़ है, ऐसे में अगर भाजपा किसी ओबीसी चेहरे को आगे करती है तो उसके सामने यह भी उतना आसान नहीं होगा। ऐसे में भाजपा क्या देवेंद्र फडणवीस की जगह किसी मराठा चेहरे को आगे करेगी, इसके कयास भी अब लगाए जाने लगे है।

क्या भाजपा अकेले बनाएगी सरकार?-महाराष्ट्र में अगर महायुति गठबंधन में मुख्यमंत्री चेहरे और सरकार के गठन को लेकर मतभेद और बढ़ता है तो क्या भाजपा महाराष्ट्र में अकेले सरकार बनाने के फ़ॉर्मूले पर आगे बढ़ेगी, यह भी सवाल अब पूछा जाना लगाया है। दरअसल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अकेले दम पर 133 सीटें जीतीं है चुनाव के बाद उसके समर्थन में अब 7-8 निर्दलीय और छोटे दलों के विधायक आ गए है। ऐसे में जब महाराष्ट्र में बहुतम के आंकड़े 144 से भाजपा 4-5 विधायकों की दूरी पर है तो भाजपा अकेले दम पर सरकार के गठन पर आगे बढ़ेगी यह भी देखना दिलचस्प होगा।

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