उत्तर प्रदेश से लेकर हरियाणा तक ईद के मौके पर कई जगह छोटे मोटे बवाल की खबरें सामने आई हैं। हालांकि पुलिस ने कई जगह विवाद को कंट्रोल कर लिया है। अब इसे लेकर राजनीति भी की जा रही है। बता दें कि यूपी में सड़क पर नमाज पढ़ने पर रोक होने की वजह से कई जगहों पर पुलसि से लोग भिड़ते नजर आए। सहारनपुर में ईद की नमाज के बाद लोगों ने फिलिस्तीन के झंडे लहराये, मेरठ और मुरादाबाद में ईदगाह में नमाज अदा करने को लेकर पुलिस और लोग आमने-सामने आ गए। वहीं, हरियाणा के नूंह में ईद की नमाज के बाद दो गुटों में लाठी-डंडे चले, जिसमें कई लोग घायल हो गए।
नमाजियों ने पोस्टर लहराए : ईद की नमाज के बाद मेरठ की सड़कों पर कई नमाज़ियों ने पोस्टर लहराये। ये सभी सड़कों पर नमाज पढ़ने पर लगी रोक का विरोध कर रहे थे। इन पोस्टरों पर लिखा था- 'सड़कों पर सिर्फ मुस्लिम नमाज नहीं पढ़ते हैं। हिन्दू होली सड़कों पर मनाता है, शिवरात्रि सड़कों पर मनाता है, कांवड़िया सड़क पर निकलता है, रामनवमी यात्रा सड़क पर करता है, दिवाली पर पटाखे सड़क पर फोड़ता है, गणेश चतुर्थी सड़कों पर मनाता है। पुलिस ने इन नमाजियों को समझाया कि माहौल खराब करने का प्रयास न किया जाए।
मुरादाबाद- नमाज के दौरान तनातनी : यूपी में सड़कों पर नमाज पढ़ने पर पाबंदी थी, लेकिन लोग इस नियम को तोड़ते हुए नजर आए। मुरादाबाद में ईदगाह में नमाज अदा करने जा रहे नमाजियों को जब पुलिस ने रोका, तो हंगामा हो गया। दरअसल, मुरादाबाद के गलशहीद क्षेत्र में स्थित ईदगाह में एक बार में लगभग 30 हजार लोगों के नमाज पढ़ने की क्षमता है। सोमवार को सुबह ईदगाह की नमाज अदा करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच गए. ऐसे में लोगों को ईदगाह में जाने से रोका गया, क्योंकि जगह बिल्कुल भी नहीं बची थी। ऐसे में लोगों ने सड़क पर नमाज अदा करने की कोशिश की, तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया गया। ऐसे में नमाजियों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। हालांकि, हाथापाई की नौबत यहां नहीं आई। पुलिस ने लोगों को समझाया कि बचे हुए लोग दूरी पारी में नमाज अदा कर सकते हैं।
सहारनपुरः फलस्तीन क झंडे : सहारनपुर में ईद की नमाज के बाद लोगों ने फिलिस्तीन का झंडा लहराया। वहीं, कुछ नमाजियों ने हाथ पर काली पट्टी भी बांधी। ये लोग सड़क पर नमाज पढ़ने पर लगी रोक और वक्फ बिल में संशोधन के मुद्दे पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे थे। इन नमाजियों ने कुछ नारे भी लगाए और पुलिस ने इन्हें शांत किया।
एक ही समुदाय में ईंट और लाठी-डंडे चले : ईद के मौके पर मेरठ में एक ही समुदाय के दो गुटों में पथराव और फायरिंग हुई। इस दौरान कई लोग घायल हुए हैं। मेरठ पुलिस के मुताबिक सिवाल खास के रहने वाले नाजिम और जाहिद के बीच में एक मामूली बात पर रविवार शाम कहासुनी हो गई थी। इसके बाद सोमवार को जब ये लोग नमाज के बाद घर आ रहे थे, तब कब्रिस्तान में दोनों पक्षों के लोग एक-दूसरे के सामने आ गए। इस दौरान दो गुटों के बीच आपस में पथराव हो गया। इस पथराव में कुछ लोग घायल भी हुए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भेजा गया है। फिलहाल इस मामले में 3 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। जिन लोगों के बीच ये झगड़ा हुआ है वो दोनों एक ही समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। फायरिंग के मामले की जांच की जा रही है।
नूंह- दो गुटों में लाठी डंडे चले : हरियाणा के नूंह में दो पक्षों के बीच ईद के मौके पर आपसी विवाद देखने को मिला। यह विवाद इतना बढ़ गया कि झड़प में तब्दील हो गया। इस दौरान जमकर लात घूंसे और लाठी डंडे चले। इस विवाद में 12 लोगों के घायल होने की खबर मिली है। ऐसी सूचना मिल रही है कि किसी पुरानी रंजिश को लेकर दो पक्ष आपस में भिड़ गए थे। घटना का वीडियो वायरल हो रहा है। मामला बिछोर थाना अंतर्गत तिरवाड़ा गांव का है।
मुझे आधे घंटे तक रोका, ये कैसी व्यवस्था : समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लखनऊ की ऐशबाग ईदगाह में ईद की नमाज के दौरान उन्हें बैरिकेडिंग करके रोकने का आरोप लगाया है। अखिलेश यादव ने ईद के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए की गई पुलिस की बैरिकेडिंग पर सवाल उठाए हैं। अखिलेश यादव का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें लखनऊ एक जगह जाने से रोका भी। अखिलेश यादव ने कहा कि उन्होंने इससे पहले ईद के मौके पर प्रदेश में ऐसी बैरिकेडिंग कभी नहीं देखी। अखिलेश यादव ने कहा, 'ईद के मौके पर इतनी बैरिकेडिंग क्यों की गई है? पुलिस ने मुझे रोका और जब मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्यों रोका जा रहा है, तो उनके पास कोई जवाब नहीं था। मुझे पुलिस ने आधे घंटे रोककर रखा। काफी देर बात मुझे आने दिया गया। क्या मैं इसे तानाशाही कहूं या फिर 'आपातकाल' कहूं?
Edited By: Navin Rangiyal