आयोग ने उच्च न्यायालय के फैसले के मद्देनजर यह पाया कि मुक्त एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए यह जरूरी है कि चुनाव के दौरान पार्टी अपने प्रतीक चिन्हों के प्रचार-प्रसार के लिए सरकारी फंड, सार्वजनिक स्थलों एवं सरकार की मशीनरी का इस्तेमाल न हो, क्योंकि यह अनैतिक होगा।