मौसम विभाग के अनुसार, अंडमान सागर और दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में बन रहे माहौल से लग रहा है कि वहां 23 मई को मानसून पहुंच जाएगा। इसके बाद केरल के तटीय इलाकों में मानसून पूर्व की वर्षा शुरू होने की संभावना है। माना जाता है कि अंडमान सागर से केरल में मानसून के प्रविष्ट होने में एक सप्ताह से कम का समय लगता है। मानसून के करीब आने पर नजदीकी इलाकों का तापमान बदलने लगता है और वहां की आर्द्रता बढ़ जाती है।
मौसम विभाग मानसून का आगमन घोषित दिन से चार दिन की घट-बढ़ मानकर चलता है। केरल पहुंचने वाला मानसून ही सक्रिय होकर देश के उत्तरी क्षेत्र में आता है जिससे राजधानी दिल्ली समेत उत्तर और दक्षिण के राज्यों को गर्मी से राहत मिलती है। वर्ष 2018 में उम्मीद 97 प्रतिशत बारिश होने की है, जो सामान्य वर्षा होगी। पूरे वर्ष में 96 से 104 प्रतिशत बारिश होने पर मानसून को सामान्य माना जाता है।