नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद् (एनसीईआरटी) ने कहा है कि पंजाबी के क्रांतिकारी कवि शहीद अवतार सिंह 'पाश' की मशहूर कविता, 'सबसे खतरनाक होता है सपनों का मर जाना' को पाठ्यपुस्तक से हटाया नहीं जाएगा।
सेनापति ने यह स्पष्टीकरण तब दिया है जब गत दिनों एक अंग्रेजी दैनिक में यह खबर प्रकाशित हुई कि भटिंडा में पाश की 67वीं जयन्ती के मौके पर उनकी इस मशहूर कविता के पोस्टर को जारी किए जाने के अवसर पर बुद्धिजीवियों ने कहा कि सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतें इस कविता को एनसीआरटी की किताबों से हटाने में लगी हैं।