Lord Jagannath Rath Yatra in Puri: पुरी में भगवान जगन्नाथ के रथों को उद्योगपति गौतम अदाणी के लिए रोक दिए जाने के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दावे को खारिज करते हुए ओडिशा सरकार ने शुक्रवार को कहा कि ऐसी टिप्पणियां अनुचित और अतार्किक हैं। ओडिशा के कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि अदाणी ने रथ यात्रा उत्सव के एक दिन बाद 28 जून को तीर्थ नगरी का दौरा किया था।
क्या था राहुल गांधी का आरोप : भुवनेश्वर में कांग्रेस के संविधान बचाओ समावेश कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा भी अदाणी और उनके परिवार के लिए रोक दी गई और यह ओडिशा सरकार पर उद्योगपति के प्रभाव को दर्शाता है। आरोपों का जवाब देते हुए कानून मंत्री ने कहा कि अदाणी, एक भक्त के रूप में, रथयात्रा के एक दिन बाद पुरी आए थे। आमतौर पर, भगवान जगन्नाथ के रथ उन्हें खींचे जाने के दूसरे दिन अपने गंतव्य (गुंडिचा मंदिर) पहुंचते हैं।
हरिचंदन ने कहा कि राहुल गांधी ने अदाणी के बारे में जो दावा किया, वही आरोप बीजद ने भी लगाया था। कानून मंत्री ने कहा कि ऐसे बयान देकर राजनेता अपनी मूर्खता साबित करते हैं। उन्होंने रथ यात्रा के पहले दिन देरी के लिए अत्यधिक भीड़ और भगवान बलभद्र के रथ को अनियंत्रित तरीके से खींचे जाने को जिम्मेदार ठहराया।
भाजपा की खरगे पर चुटकी : प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल ने कहा कि जब तक भगवान जगन्नाथ स्वयं नहीं चाहेंगे, तब तक पुरी में रथों को कोई नहीं रोक सकता। सामल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के इस बयान पर भी चुटकी ली कि कांग्रेस ने भुवनेश्वर में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की स्थापना की थी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि खरगे जी अपनी उम्र के कारण शायद याददाश्त खो बैठे हैं। तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी एम्स भुवनेश्वर के संस्थापक थे। एम्स भुवनेश्वर की वेबसाइट के अनुसार, वाजपेयी ने 15 जुलाई, 2003 को इसकी आधारशिला रखी थी। (भाषा/वेबदुनिया)