NSE का IPO कब आएगा और निवेशकों को क्यों करना चाहिए इंतजार?

नृपेंद्र गुप्ता
शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (07:28 IST)
NSE IPO news : भारत के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का IPO जल्द ही आने की उम्मीद है। यह IPO निवेशकों के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है। आइए जानते हैं इस IPO से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी। 
 
निवेशकों में देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज नेशनल स्टॉक एक्सचेंज, (National Stock Exchange) के आईपीओ के आने की खबर से जबरदस्त उत्साह है। आईपीओ के दस्तावेजीकरण से पहले ही लोगों ने इस आईपीओ से बड़ी उम्मीदें लगा ली है। हालांकि कई मीडिया खबरों में दावा किया जा रहा है कि एनएसई का आईपीओ 2025 की शुरुआत में आ सकता है। 
 
NSE का IPO क्यों है खास? 
मजबूत ब्रांड: NSE भारत का सबसे बड़ा और सबसे भरोसेमंद स्टॉक एक्सचेंज है। इसका ब्रांड वैल्यू बहुत मजबूत है।
बढ़ता बाजार: भारतीय शेयर बाजार तेजी से बढ़ रहा है और NSE इस वृद्धि का प्रमुख लाभार्थी है। NSE लगातार नए उत्पाद और सेवाएं लॉन्च कर रहा है, जिससे इसकी वृद्धि की संभावनाएं बढ़ रही हैं। 
एनएसई का बाजार मूल्यांकन :  मई 2024 में 17-18 अरब डॉलर था हालांकि 4 माह में यह बढ़कर 36 अरब डॉलर पहुंच गया। एनएसई में बढ़ती ट्रेडिंग, इसमें लिस्टेड स्टॉक्स की बढ़ती वैल्यू,  लगातार आ रहे नए नए आईपीओ और ईटीएफ की वजह से एनएसई के वैल्यूएशन में यह इजाफा हुआ। Unlisted market में शेयर 5,700-6,500 के बीच ट्रेड कर रहा है।
 
NSE का IPO कब आएगा? :  कई मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, NSE का IPO 2025 की शुरुआत में आ सकता है। हालांकि, अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। 
 
2016 में आने वाला था आईपीओ : उल्लेखनीय है कि एनएसई ने इससे पहले 2016 में भी LIC की मदद से आईपीओ लाने की योजना बनाई थी। शेयर बाजार नियामक सेबी में इसके लिए दस्तावेज भी पेश किए गए थे। लेकिन 2019 में सेबी ने NSE के IPO की अर्जी लौटा दी थी। साथ ही कोलोकेशन विवाद के चलते एनएसई पर जुर्माना भी लगाया गया था। 
 
आखिर क्या है एनएसई कोलोकेशन विवाद : जनवरी 2010 में, एनएसई ने सदस्यों को सह-स्थान सुविधा की पेशकश शुरू की। सदस्य शुल्क के बदले में अपने सर्वर एक्सचेंज के परिसर में रख सकते थे। सीबीआई ने एफआईआर में आरोप लगाया था कि इससे उन्हें एक्सचेंज के ट्रेडिंग इंजन द्वारा प्रसारित किए जा रहे खरीद और बिक्री के ऑर्डर तक तेजी से पहुंच की अनुमति मिली। 
 
इस मामले में कार्रवाई करते हुए सेबी ने एनएसई (NSE) की पूर्व एमडी और सीईओ चित्रा रामकृष्‍ण के साथ ही एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि नारायण तथा अन्य पर भी जुर्माना लगाया। नियामक ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपए, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), नारायण और आनंद सुब्रमण्यन पर 2-2 करोड़ रुपये तथा वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसके साथ ही नियामक ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिये रोक दिया।
 
सेबी के फैसले से खुली राह : अगस्त 2024 में ही को-लोकेशन केस में सेबी से NSE को बड़ी राहत मिली थी। सेबी ने अपने फैसले में कहा था कि साठगांठ के पर्याप्त सबूत नहीं मिले। इससे भी एनएसई में आईपीओ के आने की संभावना को मजबूती मिली। यह मामला एक्सचेंज की लिस्टिंग में बड़ी बाधा थी। बताया जा रहा है कि एनएसई ने आईपीओ के अर्जी की तैयारी शुरू कर दी है। 2025 की शुरुआत तक इसके लिए दस्तावेज संबंधी प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
 
कहां हो सकती है एनएसई के आईपीओ की लिस्टिंग : आईपीओ लिस्टिंग एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा किसी निजी कंपनी के शेयरों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया जाता है ताकि उन्हें सार्वजनिक रूप से कारोबार किया जा सके। लिस्टिंग के बाद ही निवेशक किसी भी कंपनी के शेयरों को खरीद या बेच सकता है। भारतीय शेयर बाजारों में सेल्फ लिस्टिंग का कोई प्रावधान नहीं है। ऐसे में एनएसई के आईपीओ की लिस्टिंग बीएसई पर हो सकती है। 
 
क्या है सेबी के आईपीओ से उम्मीद : शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि भारतीय शेयर बाजार में ज्यादातर ऑपरेशंस एनएसई में ही होते हैं। यह एक ट्रस्टेड ब्रांड हैं। ऐसे में अगर बाजार में इसका आईपीओ आता है तो निवेशकों से इसे जबरदस्त प्रतिसाद मिलेगा। लोगों को उम्मीद है कि बाजार से लिस्टिंग के बाद इस आईपीओ से उन्हें शानदार रिटर्न मिल सकता है।
 
अस्वीकरण: यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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