चिदंबरम ने सोशल मीडिया पर अपनी पोस्ट में कहा कि लाखों लोग कई सेवा प्रदाताओं को अनिवार्य होने के कारण अपनी आधार संख्या पहले ही मुहैया करा चुके हैं। ऐसे में नया सुरक्षा स्तर जोड़े जाने का प्रस्ताव घोड़ों के भाग जाने के बाद अस्तबल का दरवाजा बंद करने जैसा है।