मंत्रालय ने इस शर्त को हटाने का फैसला किया। मंत्रालय के बयान के अनुसार, भत्ता पुरस्कार प्राप्तकर्ता के लिए है और उनकी मृत्यु होने पर उनकी कानूनन पत्नी को मिलेगा। मंत्री ने कहा कि विधवा अपनी मृत्यु तक भत्ता प्राप्त कर सकेंगी। वीरता पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं को 1972 के मंत्रालय के नोट के मुताबिक आर्थिक भत्ता दिया जाता है। मंत्रालय ने कहा कि 1972 के नोट को 1995 के रक्षा मंत्रालय के एक पत्र के जरिए बदला गया और वक्त-वक्त पर इसमें संशोधन किया जाता है। (भाषा)